David Goggins Biography in Hindi | डेविड गोगिंस की जीवनी
नमस्कार दोस्तों आप सभी का Shridas K Motivation ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तो यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही प्रेरणादायक और जीवन को बदल देने वाली साबित होने है। क्योंकि दोस्तो इस पोस्ट के जरिये में आज में आपके साथ David Goggins Inspirational Story in Hindi में शेयर करने वाला हु।
David Goggins Biography in Hindi | डेविड गोगिंस का जीवन परिचय
दोस्तो एक इंसान का पोटेंशियल क्या होता है और वो जब ठान लें कि दुनिया इधर की उधर हो जाए पर में झुकेगा नही, तो उसके बाद वो इंसान क्या क्या उखाड़ सकता हैं? यह सब मैने डेविड गोगिंस की रीयल लाइफ स्टोरी से रियलाइज किया हुआ है।
दोस्तो 135kg का बंदा ओवर वेट, ओवर साइज और अब तक जहा पर भी हात डाला हो, वहा हर जगह पर उसका फेलियर ने पीछा नहीं छोड़ा। उसके वजह से डेविड जी इतने डिप्रेशन में गए थे की उनके पागलपन के वजह से उनको स्कूल से भी निकाला गया हुआ था और यही इंसान आज दुनिया के लिए एक इंस्पिरेशन बना है।
ऐसा क्या है डेविड जी की स्टोरी में, जो सुनते वक्त मेरे रोंगठे खड़े हो गए थे। दोस्तो i am sure आप सब इस कहानी को पूरे अंत तक पढ़े बिना और इसे दिल से महसूस करे बिना नहीं जाने वाले हो।
दोस्तो यह कहानी है डेविड गोगिंस जी की। ये बंदा क्या था और आज के समय में क्या हो गया, ये तो आपको कहानी को पढ़ते वक्त समझ में आ ही जायेगा। लेकिन एक इंसान जब ठान ले तो क्या क्या पॉसिबल हो सकता है, यह आप खुद इस कहानी को अंत तक पढ़कर देख लेना।
David Goggins Inspirational Story in Hindi – डेविड गोगिंस की प्रेरणादायक कहानी
दोस्तो डेविड गोगिंस जी का जन्म 17 फरवरी, 1975 में विलियम्सविल, न्यूयॉर्क शहर में ट्रुनिस और जैकी गोगिंस जी के घर में हुआ था। डेविड गोगिंस जी एक अमेरिकन अल्ट्रामैराथन, अल्ट्रा-डिस्टेंस साइकिलिस्ट, मोटीवेशनल स्पीकर और उसके साथ ही एक बेस्ट सेलर लेखक भी हैं।
दोस्तो इस दुनिया में सिर्फ 1% लोग ही 100% अपनी मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ को इस्तमाल कर पाते है। दोस्तो आपकी लाइफ स्टाइल आज कैसे भी चल रही हो, लेकिन हम सभी के अंदर अपनी लाइफ स्टाइल को चेंज करने का पोटेंशियल होता ही है, बस आपको उसके बारे में पता नही है।
100 में से एक इंसान ऐसा होता है, जो खुद की सारी लिमिट्स को तोड़ कर इतिहास रचता है यानी की लिमिटलेस बन जाता हैं। और ये सब हमारे उपर डिपेंड करता है की हम किस तरह का इंसान बनना चाहते हैं और किस तरह का नही बनना चाहते हैं। आज की यह कहानी भी एक ऐसे ही इंसान की है।
दोस्तो डेविड गोगिंस भी एक आम बंदा था, जो की आज तक अपनी एग्जाम में सिर्फ कॉपी करके ही पास हुआ था। वो एक पैराट्रूपर बनना चाहता था, लेकिन अपनी कॉपी करने की आदत से मजबूर डेविड जी एयरफोर्स की एग्जाम में फैल हो गए।
परीक्षा में फैल होने के बाद अगले 6 महिने में डेविड जी ने कंटीन्यूली स्टडी, रनिंग और एक्सरसाइज करने के बाद उन्होंने इयरफोर्स की एग्जाम तो क्रैक करली और डेविड जी एयरफोर्स में सिलेक्ट भी हो चुके थे।
लेकिन जब बॉडी चेकअप किया तब पता चला की उनको सिकलसेल अनेमिया है। जिसमे ब्लड सेल्स कम हो जाती है और शरीर में ब्लड की कमी हो जाती है। पूरी मेहनत पानी में गई और ये डेविड जी का थर्ड एटमेंट था और उसके बाद डेविड जी completely डिप्रेशन में चले गए थे।
उनका वजन 135 kg तक बढ़ गया था और उनके ज्यादा वजन के वजह से उनको मजबूरी में एक होटल में चूहे पकड़ने की नौकरी करनी पड़ती थीं। इंशोर्ट उनकी जिंदगी झंड हो चुकी थी।
David Goggins SEAL Career in Hindi
एक दिन ऐसे ही डेविड जी ने Navy seal की एडवर्टाइज न्यूजपेपर में देखा और Navy seal बनने के लिए बहुत ही खतरनाक आर्मी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। लेकिन डेविड जी ने अब ठान लिया था की ये मेरा आखरी चांस है और अब में नही झुकूँगा।
उसके बाद जब डेविड जी पहली बार वहा पर गए थे तब उनका वजन 135kg था और Navy seal के लिए सिर्फ 95kg तक का ही लिमिट था। फिर भी Navy seal के ऑफिसर ने उनका जज्बा देखकर उनको एक चांस दिया और उनको बोले की अगर तुम अगले 3 महीने के अंदर अपना 40kg weight कम करोगे तो तुम्हे Navy seal में भर्ती होने के लिए ले लिया जाएगा।
दोस्तो ओब्जेस्ली 40kg weight सिर्फ 3 महीने में कम करना ये सुनने में भी impossible लगता है, लेकिन डेविड जी ने इस चैलेंज को एक्सेप्ट किया। उसके अगले दिन से डेविड जी ने रनिंग प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। लेकिन सिर्फ 1km दौड़ने के बाद उनका मन गिव अप करने के बारे में सोचने लगा। लेकिन डेविड जी अब रुकना भूल चुके थे।
हर रोज डेविड जी अपनी लिमिट्स को और ज्यादा पुश करते थे। यानी की आज से बेटर कल और कल से बेहतर परसो, ठीक इसी प्रकार वे अपने आप से चैलेंज करते गए। हर रोज डेविड जी सुबह 4 बजे उठकर सायकलिंग किया करते थे। क्योंकि शरीर का वजन काफी ज्यादा होने के वजह से रनिंग करने में बहुत दिक्कते आ रही थी।
इतनी मेहनत करने के बाद कम क्लारिज के लिए वे दिन में सिर्फ एक बार ही खाना खाते थे। इन्होंने खुद को इतना पुश किया की केवल 2 हप्तो में उन्होंने 10kg वेट को कम कर दिया हुआ था। दोस्तो आपको शोक लगा!!! इसके आगे भी आपको इससे भी ज्यादा शोक लगने वाले हैं। नेवी के ऑफिशियल ट्रेनिंग के एक हप्ते पहले ही डेविड जी का weight 105kg तक आ चुका था।
दोस्तो शुरवात में डेविड जी सिर्फ 1km में ही थक जाते थे, लेकिन अब वे 10 से 12km तक रनिंग और 30km तक सायकिलिंग आराम से करते थे। जी हां दोस्तो में उसी व्यक्ति के बारे में बात कर रहा हूं, जिसको 2 महीने पहले अपने ज्यादा वजन के वजह से कोई काम भी नही दे रहा था और उनको मजबूरन एक होटल में चूहे और कीड़े पकड़ने का काम करना पड़ता था।
दोस्तो नेवी सील में भर्ती होना अलग बात है और वहा पर टिकना वो अलग बात है। नेवी सील को हर एक खतरनाक आर्मी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है, चाहे वो ट्रेनिंग के हमले हो या डिप अंडर वाटर ऑपरेशन हो। ये ट्रेनिंग मैंटल और फिजिकल इन दोनों स्ट्रेंथ पर जोर डालती हैं और शायद इसीलिए इस ट्रेनिंग को Heal Weak Training कहा जाता हैं।
दोस्तो डेविड जी ने Heal Weak Training को सिर्फ एक बार ही नही बल्कि 3 बार सफलता पूर्वक कंप्लीट किया हुआ है। दोस्तो लग गया ना और भी बड़ा शौक और डेविड गोगिंस के लिए ये ट्रेनिंग कोई हेल से कम नहीं था। क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान उनके नाक से खून आता था, चक्कर आते थे और कई बार तो थककर गिर भी जाते थे, लेकिन डेविड जी हार मानना भूल चुके थे।
डॉक्टर्स के वार्निग्स के बावजूद भी डेविड जी ट्रेनिंग करते रहे, भागते रहे और गिरकर फिर से उठते रहे। नतीजे तो झक मारकर आने ही थे। डेविड जी ने टॉप रैंक से हेल विक ट्रेनिंग को पास किया। क्योंकि डेविड जी सिर्फ मेहनत नही करते थे बल्की हदपार मेहनत करते थे। लेकिन इस हार्ड कोर ट्रेनिंग के वजह से डेविड जी का घुटना दुख रहा था।
एक हप्ते के रेस्ट के बावजूद भी उनका घुटना दुखना बढ़ता ही जा रहा था। डॉक्टर ने उनको 5 महीने का रेस्ट करने के लिए सजेस्ट किया। लेकिन इसे डेविड जी ने मना किया और आगे की ट्रेनिंग शुरू हुई और डेविड जी का घुटना एक्सट्रिम लेवल पर दर्द करने लगा। जब ट्रेनिंग के लिए डेविड जी ने जब पानी में डायिव किया, तब वे बेहोश होने ही वाले थे और उनको उनके लाइफ का फ्लैश बैक दिख ही रहा था।
लेकिन डेविड जी की विल पावर इतनी मजबूत हो चुकी थी की एक झटके में सर्फेस पर आने का उन्होंने डिसाइड किया और जब पानी से बाहर आकर उन्होंने रनिंग करने की शुरुआत की तब देखा की उनका घुटना टूट चुका था। दोस्तो दिमाग की ताकत कितनी भी क्यों न मजबूत हो, पर शरीर की हड्डियां जोड़ने में तो हेल्प नही कर सकती है।
इसके बाद ट्रेनिंग ऑफिसर ने डेविड जी को कुछ दिनों के लिए घर जाने के लिए कहा गया। और उसके कुछ ही दिनों के बाद उनको फिर से नेवी ज्वाइन करने के लिए इन्विटेशन आया, पर शर्त यह थी की उन्हें स्टार्टिंग से ट्रेनिंग वापस से करनी होगी और अगर उनको कोई एंजरी फिर से होती है, तो यह डेविड जी का आखरी चांस होगा।
फिर उसके बाद डेविड जी ने नेवी को वापस से ज्वाइन किया और जिन हटे खट्टे लोगो के लिए नेवी सील की हेल विक ट्रेनिंग से गुजरना इंपॉसिबल जैसा होता हैं, वही पर जहा डेविड जी का घुटना टूट चुका है, फिर भी उन्होने नेवी सील की ट्रेनिंग को वापिस से वही जोश के साथ पूरा किया।
डेविड जी यहां पर ही नहीं रुके, इसके बाद उन्होंने 160km की मैराथन प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर सेकंड रैंक से कंप्लीट किया और उसके साथ ट्रेथलौंन को भी सेकंड रैंक से कंप्लीट किया। ट्रेथलौंन के बाद पैर में जब स्वेलिंग होने लगी, तब चेकअप में पता चला की डेविड जी के हार्ट में छेद है।
डॉक्टर्स इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रहे थे की कोई इंसान हार्ट में छेद होने के बावजूद भी हेल विक ट्रेनिंग और ट्रेथलौंन जैसे चीजों को पार कैसे कर सकता है। डॉक्टर्स का यह कहना था कि किसी भी नॉर्मल इंसान का डेविड जी के सिच्वेशन में जिंदा रह जाना भी मुश्किल था। और यह पॉसिबल हुआ सिर्फ अपने लिमिट्स को पुश करने के वजह से और डेविड की विल पावर के वजह से।
Conclusion of David Goggins Biography in Hindi
दोस्तो यह कहानी simply प्रूव करती है की इंसान अगर चाहे तो कोई भी ताकत उसको रोक नही सकती है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो और आपके लिए उपयोगी साबित हुई हो? तो अपने मित्रों के साथ David Goggins Biography in Hindi आर्टिकल को अवश्य शेयर कीजिए।
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