Ratan Tata Biography in Hindi: रतन टाटा की जीवनी और उनकी दर्दनाक प्रेम कहानी
नमस्ते देवियों और सज्जनों आप सभी का Shridaskmotivation.com Blog पर स्वागत है। दोस्तों इस पोस्ट के जरिये में आपको रतन टाटा की जीवनी के बारे में बताने वाला हु।
दोस्तो अगर आप रतन टाटा की जीवनी को आखिर तक पढ़ते हैं, तो आपको रतन टाटा की सफलता की कहानी के साथ साथ रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की यह सब आपको इस आर्टिकल में जानने को मिलेगा। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़िए।
रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi
दोस्तो लाइफ में उतार चढाव का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि ईसीजी में भी सीधी लाइन होने का मतलब death होता है। ऐसा कहना है, एक महान भारतीय बिजनेस मैन श्री रतन टाटा जी का, जिन्होंने अपने देश और देश के लोगो के हित के लिए नीति मूल्यों को जी जान से संभालते हुए Tata Group को बड़ा किया।
रतन टाटा का जन्म कब और कहां हुआ था?
दोस्तो रतन टाटा जी का जन्म 28 दिसंबर 1937 को भारत के मुंबई शहर में एक पारसी परिवार में हुआ था। रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा है और उनकी मां का नाम सोनू टाटा है।
रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन – Ratan Tata Life Story in Hindi
1948 में जब रतन टाटा जी 10 साल के थे तब उनके माता पिता का तलाक हो गया था, इस तलाक के बाद उनके पिता नवल टाटा जी ने Simone Dunoyer नाम की एक महिला से शादी की। इस दूसरी शादी से उनके पिता को एक और बेटा हुआ, जिसका नाम नोवेल टाटा रखा गया।
अपने माता पिता के तलाक के कारण रतन टाटा जी मानसिक रूप से काफी टूट गए थे, इसीलिए उनकी परवरिश और देखभाल की जिम्मेदारी उनकी दादी नवाजबाई टाटा जी ने ली। रतन टाटा और उनके सौतेले भाई नोवेल टाटा जी इन दोनों ने अपनी दादी से ही परवरिश पाई है।
और चुकी रतन टाटा जी ने कम उम्र से ही दादी के पास ही रहे थे, इसीलिए उनको अपनी दादी से बहुत ज्यादा लगाव हो गया था। उनके लिए उनकी दादी ही उनके माता पिता बन गई थी।
रतन टाटा की शिक्षा – Ratan Tata Educational Qualification
दोस्तो रतन टाटा जी ने अपने 8 वी कक्षा तक की पढ़ाई मंबई के Campanion School में पूरी की और उसके बाद उन्होंने मुंबई के Cathedral & John Connon school में एडमिशन ले लिया। उसके बाद मुम्बई से हाई स्कूल तक की पढ़ाई करने के बाद रतन टाटा जी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका शिप्ट हो गए।
अमेरिका जाने के बाद उन्होंने सबसे पहले न्यूयॉर्क के Riverdale Country School से 12 कक्षा तक की पढ़ाई की। और उसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क के ही Cornell University के Harvard Business School में एडमिशन ले लिया।
यहा साल 1995 वे में उन्होंने आर्केटेक्चर फील्ड में डिग्री हासिल की और कुछ साल अमेरिका में बिताने के बाद सन 1962 में भारत वापस लौट आए। अब भारत वापस लौट आने के बाद के उन्होंने क्या क्या किया यह जानने के लिए रतन टाटा की सफलता की कहानी को अंत तक जरूर पढ़िए।
रतन टाटा की सफलता की कहानी – Ratan Tata Success Story in Hindi
दोस्तो हमारे भारत के सबसे महान बिजनेस मैन में शुमार किये जाने वाले रतन रतन टाटा जी को आज सिर्फ भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में जाना पेहचाना जाता है। इसकी वजह यह है की वे 22 साल तक भारत की सबसे बड़ी Tata Company के चेयर मैन रह चुके हैं।
दरअसल साल 1991 वे में जे आर डी टाटा जी ने रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा जी ने Tata Company को चलाया था। रतन टाटा जी सन 1991 से सन 2012 तक लगातार टाटा कंपनी के चैयर मैन बने रहे थे। और उसके बाद 2016 में दुबारा चेयर मैन बन कर 2017 में उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था।
अपने इस 22 साल के कारिकाल में उन्होंने टाटा कंपनी के रेवेन्यू को 40 गुना और प्रॉफिट को 50 गुना बढ़ाया था। दोस्तो इससे यह पता चलता है की रतन टाटा जी कितने महान बिजनेस मैन थे। आज Tata Company जिस भी मकाम पर मौजूद है, उसका काफी सारा श्रेय Ratan Tata जी को जाता है।
क्योंकि अपने कार्यकाल के द्वरान उन्होंने ना सिर्फ अपने कंपनी के रेवेन्यू को बढ़ा दिया था, बल्कि नए नए फील्ड और बिजनेस में उतरकर उन्होंने अपनी कंपनी को और भी ज्यादा बड़ा कर दिया था।
दोस्तो में आपको बताना चाहूंगा कि Tata Company के चेयरमैनशिप के दौरान रतन टाटा जी ने Tetley, Jaguar, Land Rover और Corus जैसी बड़ी बड़ी वेदैशी कंपनियों को खरीदा था। और यही चीज उन्हे भारत के सबसे सफल और कामयाब बिजनेस मैन में से एक बनाती है।
लेकिन अपने कैरियर में इतनी कामयाबी हासिल करने के बावजूद भी वे कभी अपने देश और देश के नागरिकों को नहीं भूले है। बल्कि उन्होंने भारत को हमेशा खुद अपने आप से आगे रखा है। तभी तो हमारे भारत देश पर कभी कोई मुसीबत आ जाती है, तब रतन टाटा जी सबसे पहले आगे आ जाते हैं।
दोस्तो रतन टाटा जी ने अपने देश के लिए अपनी संपत्ति से अरबों रुपए दान कर चुके हैं। और उनके इस दान करने के हेल्पिंग नेचर के वजह से ही आज उनको लोगों का इतना प्यार मिल रहा है। इससे यह पता चलता है की रतन टाटा जी कितने नेक दिल इंसान और कितने बड़े समाज सेवी हैं।
दोस्तो अब जानते है रतन टाटा की स्ट्रगल स्टोरी को पहले से आखिर तक जो आपको बहुत ज्यादा इंस्पायरिंग करेगी। दोस्तों Ratan Tata Struggle Story in Hindi में जानने के लिए आर्टिकल के अंत तक बने रहिए।
रतन टाटा की संघर्षपूर्ण कथा – Ratan Tata Story in Hindi
दोस्तो रतन टाटा जी ने अपने कैरियर को 1961 से Tata Group के Tata Steel के शॉप फ्लोर पर काम करना शुरू किया। टाटा के परंपरा के अनुसार 1970 तक Tata Groups की अलग अलग Companies में काम करते रहे और 1970 को उनको मैनेजमेंट में प्रमोट किया गया।
1971 में उनको Tata Groups की टीवी और रेडियो बनाने वाली और घाटे में चलने वाली Nelco Company की जिम्मेदारी उनके ऊपर सौंपी गई। और अगले 3 सालो में रतन टाटा जी ने अपने इस कंपनी को खड़ा किया और नेल्को के मार्केट शेयर को 2% से 20% तक बढ़ाया।
लेकिन देश में लागू हुई इमरजेंसी और उसके बाद आई आर्थिक मंदी के वजह से नेल्को कंपनी को बंद करना पड़ा। ये रतन टाटा जी के लाइफ मे आया पहला फेलियर था। 1977 में रतन टाटा जी को टाटा ग्रुप की Express Mill Company की जिम्मेदारी सौपी गई, जो की बंद होने के कगार पर थी।
रतन टाटा जी ने इस कंपनी को फिर से खड़ी करने के लिए मैनेजमेंट से कंपनी में 50 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन मैनेजमेंट ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उसके वजह से जल्द ही यह कंपनी बंद हो गई। और यह रतन टाटा जी के जीवन का दूसरा सबसे बड़ा फेलियर था।
लेकिन इससे रतन टाटा जी ने बहुत कुछ सीखा। 1981 में Ratan Tata जी को Tata Industry का अध्यक्ष बनाया गया। और 1991 में रतन टाटा जी को जे आर डी टाटा जी द्वारा Tata Company के चेयरमैन बनाया गया।
जिसके वजह से टाटा कंपनी और तेजी से बढ़ने लगी। टाटा पहले से ही पैसेंजर और कमर्शियल गाड़ियों को बनाती थी, पर आम भारतीयों का कार का सपना पूरा करने के लिए रतन टाटा जी ने 1998 में पूरी तरह से भारत में बनी लक्सरी कार इंडीका को लॉन्च किया। टाटा का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था।
इसीलिए उन्होंने बहुत मेहनत की हुई थी, लेकिन ऑटो एन्यालीस ने इस कार को बुरी तरह से क्रिटिसाइज किया, जिसका नतीजा टाटा इंडीका के सेल्स पर हुआ। टाटा इंडीका को मार्केट में अच्छा रिस्पॉन्सन नही मिला और उसके वजह से एक साल के अंदर ही अंदर टाटा इंडीका फ्लॉप हो गई। जिससे टाटा मोटर्स को बहुत बड़ा नुकसान हुआ।
जिसके बाद रतन टाटा को अपने फैसले को लेकर बहुत सारी तमाम सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। तब कुछ करीबी लोगो और Investor के द्वारा रतन टाटा को इंडीका की वजह से हुए नुकसान की पूर्ति के लिए अपना कार का व्यापार किसी और को बेचने का सुझाव दिया।
चुकी कार लॉन्च करने की आइडिया खुद रतन टाटा की थी और उससे बहुत नुकसान हुआ था, इसीलिए उन्होंने यह सुझाव ठीक समझा। और उन्होंने साझेदारो के साथ अपनी कार कंपनी को बेचने का प्रस्ताव फोर्ड कंपनी के पास ले गए।
फोर्ड कंपनी के साथ उनके साझेदारो की मीटिंग करीब करीब 3 घंटो तक चली। फोर्ड कंपनी के चेयरमैन बिल फोर्ड का रतन टाटा जी के साथ व्यवहार रूखा था, इसीलिए बातो बातो में बिल फोर्ड ने रतन टाटा जी को बोला की…
“अगर तुम्हे कार बनानी आती ही नही थी तो तुमने इस बिजनेस में इतने पैसे क्यों डाले। और यह कंपनी खरीद कर हम तुम पर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हैं।”
यह बात रतन टाटा जी के दिल पर लगी और वो रातों रात अपने पार्टनर के साथ डील छोड़कर वापस भारत चले आएं। पूरे रास्ते में उस मीटिंग में हुए उस बात के बारे में सोचकर अपमानित सा मेहसूस कर रहे थे। उन्हे अब अपनी सफलता से बिल फोर्ड को जवाब देना था।
वापस जाकर उन्होंने अपना पूरा ध्यान टाटा मोटर्स कंपनी पर डाल दिया। सालो तक रिसर्च करी और अपनी पूरी जान लगाकर इंडीका का नया वर्जन इंडिका V 2 को लॉन्च किया। कुछ ही वर्षों में शुरुआती झटके खाने के बाद रतन टाटा का कार का व्यापार अच्छी खासी लय में आगे बढ़ने लगा और बेहद मुनाफे का व्यवसाय साबित हुआ।
वही दूसरी तरफ फोर्ड कंपनी अपनी जैगुआर और लैंड रोवर की वजह से घाटा झेल रही थी, सन 2008 के आते आते फोर्ड कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंची थी। उस समय रतन टाटा जी ने फोर्ड कंपनी के सामने उनकी लग्ज़री कार जैगुआर और लैंड रोवर कंपनी को खरीदने का प्रस्ताव रखा।
जिसे बिल फोर्ड ने खुशी खुशी स्वीकार किया और बिल फोर्ड उसी तरह अपने साझेदारो के साथ टाटा समूह के ऑफिस पर पहुंचे, जैसे रतन टाटा जी बिल फोर्ड से मिलने उनके ऑफिस में गए थे। उसके बाद रतन टाटा जी ने फोर्ड कंपनी से जगुआर और लैंड रोवर कंपनी को 2.5 बिलियन डॉलर में खरीदा।
फिर उसके बाद बिल फोर्ड जी ने वही बात फिर से दोहराई जो उन्होंने पिछली मीटिंग में रतन टाटा जी से की थी, लेकिन इस बार बात थोड़ी सकारात्मक थी। बिल फोर्ड जी ने रतन टाटा जी से कहा की आप हमारी इन दोनों कंपनियों को खरीद कर आप हम पर बहुत बड़ा एहसान कर रहे हैं।
दोस्तो आज जैगुआर और लैंड रोवर Tata company का हिस्सा है और मार्केट में बेहतर मुनाफे के साथ आगे बढ़ रहा है। रतन टाटा जी अगर चाहते तो उसी पहली वाली मीटिंग में करारा जवाब देते, लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया क्योंकि रतन टाटा जी अपने सफलता के नशे मे चूर नही हुए थे।
दोस्तो यही वो गुण है जो सफल और कामयाब इंसान में कॉमन होता है। रतन टाटा जी ने जैगुआर और लैंड रोवर की तरह कई सारी कंपनियों को खरीदा। सन 2000 में टाटा ने Canada की T – Bags बनाने वाली टेटली कंपनी को खरीद लिया। और उस कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी T Bags बनाने वाली कंपनी बनाई गई।
किसी भी इंडियन कंपनी की फॉरेन कंपनी को टेकओवर करने वाली यह सबसे बड़ी डील रही है। उसके बाद रतन टाटा जी ने सन 2004 में साउथ कोरिया की Daewoo Commercial Vehicle को खरीदा जिसका नाम बाद में Tata Daewoo Commercial Vehicle रखा गया। 2007 में टाटा ने Corus company को खरीदा जिसका नाम बाद में Tata Steel रख दिया।
2008 में स्कटर पर घूमने वाले आम लोगो का खुद का कार लेने का सपना पूरा करने के लिए Ratan Tata जी ने एक लाख रुपयों में मिलने वाली Tata Nano Car को लॉन्च किया। शुरुआत में इस कार को अच्छा रिस्पॉन्स मिला लेकिन बाद में इसे एक Cheap Car ऐसी इसकी इमेज बन गई। जिससे टाटा नैनो कार फ्लॉप हो गई।
आज Tata Group की 100 से भी ज्यादा कंपनीज है, जो 150 से भी ज्यादा देशों में ऑपरेट करती है। और जिसमें 8 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। देश के प्रति जिम्मेदारी और प्यार के लिए टाटा कंपनी अपने प्रॉफिट में से 66% हिस्सा अपने भारत देश को दान करती है।
रतन टाटा को कई सारे पुरस्कारों से नवाजा गया है, लेकिन साल 2000 में भारत के पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया और साल 2008 में भारत के OBE पुरस्कार से नवाजा गया है, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है।
रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की?
दोस्तो ये बात तो आप सब जानते ही होंगे को रतन टाटा जी ने कभी भी कोई शादी नही की हुई है। लेकिन क्या आपको इनके शादी ना करने की असली वजह पता है? अगर आप भी जानना चाहते है की रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की? तो आप इस आर्टिकल के अंत तक बने रहिए।
क्योंकि अब में आपके साथ रतन टाटा की शादी ना करने की असली वजह आपके साथ शेयर करने वाला हू, जो उन्होंने 12 फरवरी 2020 के दिन एक इंटरव्यू में बताया हुआ था।
दोस्तो रतन टाटा जी ने अपनी लाइफ में बहुत बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल की लेकिन उनके लाइफ का सबसे बड़ा रहस्य यही रहा है की उन्होंने कभी भी शादी नही की और लोगो ने इसके पीछे की वजह जानने की बहुत कशिश की लेकिन रतन टाटा जी ने इस बात को हमेशा अपने दिल में छिपाए रहे।
लेकिन आखिर कार 12 फरवरी 2020 के दिन उन्होंने अपनी चुपी तोड़ी और इस राज से पडदा हटा दिया। दरअसल रतन टाटा जी बॉम्बे नाम के एक फेसबुक पेज को इंटरव्यू दे रहे थे, और उस इंटरव्यू के दौरान उनसे उनके लव लाइफ और शादी ना करने की असली वजह के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने अपने इस राज से पडदा हटा दिया।
तो अब जानते है की जिंदगी भर रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की?
दोस्तो उस इंटरव्यू में उन्होंने बताया की Cornell University से आर्केटेक्चर की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने लॉस एंजेलिस शहर में एक Job करना शुरू किया था। इस शहर में रहते हुए वह 2 साल तक नौकरी करते रहे और उसी दौरान वहा रहने वाली एक लड़की से उन्हे प्यार हो गया था।
रतन टाटा की प्रेम कहानी – Ratan Tata Love Story in Hindi
वह आज भी लॉस एंजेलिस में बिताए हुए उन 2 सालो को लाइफ के सबसे अच्छे पलो में से एक मानते हैं। उन दिनों में लॉस एंजेलिस का मौसम बहुत ही खूबसूरत हुआ करता था। उनके पास उनकी खुद की कार और एक ऐसी नौकरी थी जो उन्हें बहुत ज्यादा पसंद थी।
इसके अलावा वो वहा पर एक ऐसी महिला के साथ थे, जिसको वो बेइंथा प्यार करते थे और वो महिला भी रतन टाटा से बहुत प्यार करती थी। वो बताते हैं की वो उस समय शादी करने का मन बना चुके थे, तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने इनके इस रिलेशनशिप को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
दरअसल रतन टाटा जी ने जब शादी करने का मन बना लिया था, तभी उनके पास उनकी दादी की तबियत खराब होने कि खबर पहुंची। अब चुकी उन्हे अपनी दादी से बहुत ज्यादा लगाव था और वो पिछले सात सालों से उनसे नही मिले थे, इसीलिए वो भारत वापस जाकर अपनी दादी से मिलने का मन बना लिया।
उन्होंने उस महिला को अपने साथ भारत जाने का भी न्योता दिया और कहा की हम इंडिया जाकर शादी करेंगे। दोस्तो वह महिला उनके साथ जाने के लिए मान गई थी, लेकिन इनके घरवालों ने भारत जाने के लिए परमिशन नही दी थी।
असल में यह साल 1962 की बात है जब इंडिया और चीन के बीच युद्ध चल रहा था, और इस युद्ध के कारण उस महिला के घरवालों ने इंडिया जाने से मना कर दिया था। ऐसे में उस महिला ने रतन टाटा जी से वादा किया की युद्ध खत्म होते ही उनके पास इंडिया चली आएगी।
और इसी वादे के भरोसे रतन टाटा जी भारत वापस आए, इंडिया आने के बाद उस अमेरिकी महिला का आने का इंतजार करने लगे। रतन टाटा जी को पूरा यकीन था की वो उनके पास जरूर आएंगी, क्योंकि उन्होंने आने का जो वादा उनसे किया था।
लेकिन यह इंतजार थोड़ा थोड़ा करके बहुत ज्यादा लंबा होता गया। और आखिर कार उन्हे यह खबर मिली की उस महिला के माता पिता ने उसकी शादी किसी और से कर दी। यह खबर सुनते ही रतन टाटा जी को बहुत गहरा धक्का लगा और उनका दिल पूरी तरह से टूट गया।
दरअसल रतन टाटा ने उस महिला से सच्चे मन से प्यार किया था और यह वादा भी किया था की वो उसी महिला से शादी करेंगे। लेकिन उस महिला का इस तरह किसी और से शादी करना, रतन टाटा जी के लिए जिंदगी भर के लिए शादी न करना बन गया।
दोस्तो इससे यह पता चलता है की रतन टाटा जी अपने वादे और उसूलो के कितने ज्यादा पक्के है, और यही चीज उनके कामयाब होने के सबसे बड़े कारणों में से एक है। दोस्तो रतन टाटा की जीवनी और उनकी प्रेम कहानी के बारे में जानकर आपको कैसा लगा? हमे नीचे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करेंगे जरूर बताएं।
इसके साथ ही अगर आपको रतन टाटा की जीवनी पसंद आई होगी तो अपने दोस्तो के साथ इसे अवश्य शेयर कीजिए। ताकि और लोगो को भी रतन टाटा की जीवनी और उनकी प्रेम कहानी के बारे में जानने को मिल सके
Ratan Tata Biography In Hindi Pdf Free Download
दोस्तों अगर आप Ratan Tata Biography In Hindi Pdf Free Download करना चाहते है? तो में आपको बताना चाहूँगा की अभी तक रतन टाटा की जीवनी पर कोई किताब नहीं लिखी हुई है. अगर रतन टाटा की जीवनी पर कोई किताब पब्लिश होती है, तो उसकी पीडीऍफ़ फाइल आपको इस साईट पर मुफ्त में जरुर मिलेंगी.
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आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद.
FAQ Questions & Answers:
रतन टाटा का जन्म कब हुआ?
28 दिसंबर 1937 – मुंबई, भारत
रतन टाटा की जीवनी पर कोई किताब है?
नही, पर जल्द ही किताब लॉन्च होने वाली है.
टाटा कंपनी का मालिक कौन है?
रतन टाटा
रतन टाटा की संपत्ति कितनी है – Ratan Tata net worth
₹3,500 crore
रतन टाटा की पत्नी का नाम?
उन्होंने शादी नहीं की हुई है.
रतन टाटा को कितने बच्चे हैं?
उन्होंने शादी नहीं की हुई है.
रतन टाटा कौन से धर्म से?
पारसी पन्थ