Ricky Megee Survival Story in Hindi | Ricky Megee Biography in Hindi

Ricky Megee Survival Story in Hindi | Ricky Megee Biography in Hindi

दोस्तो आज में आपके साथ जो Real Life Survival Story in Hindi में शेयर करने वाला हू, वो कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। ऐसा क्या है इस कहानी में, जो सुनते वक्त मेरे रोंगठे खड़े हो गए थे। दोस्तो i am sure आप सब इस कहानी को पूरे अंत तक पढ़े बिना और उसे दिल से महसूस करे बिना नहीं जाने वाले हैं।

Ricky Megee Survival Story in Hindi

दोस्तों अगर आप इस रियल लाइफ स्टोरी को ध्यान से अंत तक पढ़ते है, तो आपको इस कहानी से कुछ ऐसा सिखने को मिलने वाला है, जो आपको आपकी life में बहुत काम आने वाला है। इसलिए इस कहानी को अंत तक अवश्य पढ़िए।

Ricky Megee Survival Story in Hindi

दोस्तो आप अपनी आंखे बंद करके इमेजिन करो कि आप किसी हादसे का शिकार हो चुके हो और दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान यानी की ऑस्ट्रोलियन रेगिस्तान के बीचों बीच फंस चुके हों। दोस्तो ऑस्ट्रोलियन रेगिस्तान का एरिया 14 लाख Square किलो मीटर का है और ये दुनिया का 4 था सबसे बड़ा रेगिस्तान है।

आप इस ऑस्ट्रोलियन रेगिस्तान में गुम चुके हो और आपके पास नाही पीने के लिए पानी है और नाही खाने के लिए खाना है, ईवन आपके पैरो में पहनने के लिए आपके पास कोई शूज भी नही है। खुद को बचाने के लिए आपको कौन सी दिशा में आगे जाना है, यह भी आपको पता नही है? रेगिस्तान का 45 डिग्रीस का तापमान आपको हर मिनिट जला रहा है।

दोस्तो अब आप अपनी आंखे खोलो और भगवान का शुकर मनाओ, की आपकी जिंदगी में आज तक ऐसा कोई हादसा नही हुआ है। लेकिन दोस्तो आज मे आपके साथ जो Real Life Survival Story in Hindi में शेयर करने वाला हू, वो कोई मन गड़न कहानी नही है, बल्कि वो एक Real Life Survival Story है, जिसे पढ़ने के बाद आपकी आत्मा काप उठेगी।

दोस्तों अगर कोई इंसान ठान लेना तो क्या कुछ हो सकता है, वो आज आप इस कहानी को पूरा अंत तक पढ़ने के बाद जानोगे। तो चलिए बिना समय गंवाए चलिए कहानी को शुरू करते हैं।

Ricky Megee Real Survival Story in Hindi

दोस्तो ये कहानी है Ricky Megee जी की जिनका जन्म 1970 को एस्ट्रोलीया में हुआ था। उनका बचपन पूरी तरह मिडिल क्लास फैमिली के बिच में गुजरा था। टीन एज में ही उनके फैमिली पर फाइनेशियल क्राइसेस आ चुका था, और इसी बीच उनके फादर की मृत्य भी हो गई।

उनके पास पैसे नहीं थे इसीलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी, और जिम्मेदारी का बोझ उनके कंदोपर आ गया। उन्होंने इलेक्ट्रीशन से लेकर मछुवारे तक और मछुवारे से लेके वॉचमैन तक सारे काम किए। इतने डिटरमेनेशन के बाद उनकी लाइफ अच्छी होने वाली थी।

2006 में जब वे 35 साल के थे, तब उन्हें वेस्टन ऑस्ट्रोलिया की पोर्ट से एक सरकारी नौकरी के लिए ऑफर लेटर मिला। इस ऑफर को Ricky जी गवाना नही चाहते थे। इसीलिए Ricky जी ने उस जॉब को हासिल करने के लिए वेस्टन एस्ट्रोलीया में जाना चाहते थे, और वे ईस्टन एस्ट्रोलीया में रहते थे।

वेस्टन ऑस्ट्रोलिया को फ्लाइट से जाने के लिए उनके पास इतने पैसे नही थे, इसीलिए उन्होंने Road Way से वेस्टन ऑस्ट्रोलिया को जाने का फैसला किया। दोस्तो यहां पर मे आपको बताना चाहूंगा कि ऑस्ट्रोलिया दुनिया के सबसे बड़े कंट्रीज में 6th रैंक में आता है।

यहां तक की ऑस्ट्रोलिया की मोस्ट ऑफ द पॉपुलेशन समुन्दर के साइड से 50 km की दूरी तक ही रहती हैं। मतलब की ऑस्ट्रोलिया एक बड़े आइलैंड की तरह है, जहा पर लोग सिर्फ बिच के साइड पर ही रहते हैं। जिसके वजह से ऑस्ट्रोलिया का मिडिल वाला हिस्सा बहुत सुनसान है।

दोस्तो मिडिल वाला हिस्सा इतना सुनसान है की वो एक रेगिस्तान बन चुका है। इसी रेगिस्तान वाले एरिया को “The Great Australian Desert” कहते हैं। दोस्तो और Ricky जी ने भी इसी रेगिस्तान से जाने का फैसला किया था।

उनके पास इस सफर में जाने के लिए पैक फूड, पानी और अगर गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाए तो एक्स्ट्रा पेट्रोल भी था। मतलब की  Ricky जी अपनी जर्नी के लिए पूरी तरह से Prepare थे। पर ऐसा क्या हुआ जिसके वजह से Ricky जी को 72 दिन तपते रेगिस्तान में गुजारना पड़ा? जानने के लिए कहानी के अंत तक बने रहिए।

दोस्तो हुआ यू था की जब Ricky जी वेस्टन ऑस्ट्रोलिया को जाने के लिए रेगिस्तान से अपनी गाड़ी से जा रहे थे, तब Ricky जी को रेगिस्तान ने 3 लोग मिले, जो Ricky जी की तरह रेगिस्तान से सफर कर रहे थे, और उनकी गाड़ी खराब हो चुकी थी।

इसीलिए Ricky जी ने इंसानियत दिखाकर उनको लिफ्ट ऑफर किया। लेकिन उन 3 लोगो ने Ricky जी को किसी तरह से ड्रग्स देकर बेहोश कर दिया और जब उनको होश आया, तब उन्होंने अपने चारो और देखा, तो उनको चारों ओर सिर्फ रेगिस्तान के ढेर ही दिख रहे थे और पानी का कोई नामों निशान तक नहीं था।

उन्हें कुछ पता नही था की वो कहा पर है, सर पर सिर्फ सूरज की तपती हुई धूप थी। और वहा का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। उसके बाद उन्होंने खुद को चेक किया तो उनके पैसे, मोबाइल और बाकी का सबकुछ सामान चोरी हो गया था।

उन लोगो ने Ricky जी के पैर के शूज तक चुरा लिए थे, और रेगिस्तान में Ricky जी को एक जिंदा लाश बनने के लिए छोड़ दिया था। उन्हे उस रेगिस्तान में ना कोई इंसान दिख रहा था और नाही कोई रोड दिख रहा था। उनके पास सिर्फ 2 चॉइस थी।

वे किसी दिशा में चलता जाए और जीने की कोशिश करता रहे या वही पर पडा रहे और अपनी मौत का इंतजार करता रहे।

लेकिन दोस्तो Ricky जी ने पहले वाले ऑप्शन को चूस किया। उन्होंने जिंदा रहने के लिए हर हालात का सामना करने के लिए तैयार हुए और वे एक ही डायरेक्शन में चलने लगे। घंटो तक उन्होंने उसी डायरेक्शन में चलते रहे, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी बूख और प्यास से हालत खराब होने लगी।

उन्हे ब्रम्ह होने लगे की उनके सामने पानी है, लेकिन जब वे पानी पास चले जाते, तो उनके हाथ में सिर्फ धूल और मिट्ठी ही आती थी। थोड़ी देर चलने के बाद उनके सामने एक रेत का एक पहाड़ आया। उसके ऊपर चढ़ने के बाद उनको एक सिजनिबल नदी दिखी।

पहले तो उनको अपने आंखो पर विश्वास नहीं हुआ लेकिन वे जिन्हे का एक भी मौका नही छोड़ना चाहते थे। उन्होंने जब चेक किया तो उनको बहुत खुशी हुई। लेकिन उनकी खुशी कुछ ही पलों की थी, क्योंकि उस नदी का पानी पीने लायक नही था।

इसीलिए उन्होंने पानी के बहाव के साथ ही अपना रास्ता चूस किया। दिन के ऊपर दिन गुजर रहे थे और Ricky जी अब भूल चूकें थे की उनके रेगिस्तान में रहकर कितने दिन हो चूके थे। दोस्तो उस रेगिस्तान में रहना जैसे की जिंदगी जीते हुए मौत के साथ सफर करना था।

क्योंकि दिन मे ऑस्ट्रेलियन रेगिस्तान का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है और रात में वही तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। इन एक्सट्रीम तापमान के वजह से बीमारियों के चांसेस बहुत ही ज्यादा बढ़ जाते हैं। दोस्तो बीमारियों के क्या बल्कि मरने के चांसेस 99.99 % ज्यादा होते है।

लेकिन रिकी जी के पास ऐसी will power थी की उनके आगे मौत ने भी घुटने टेक दिए थे। उन्होंने खुद को जिंदा रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। उनके पास रात को ठंड से बचने के लिए कपड़े नही थे, तो उनको गुफाओं का सहारा लेना पड़ता था।

उन्हे छोटे छोटे गढ़ो में पीने के लिए पानी मिलता था और अगर कभी पानी नहीं मिलता था, तो उनको अपना खुद का पेशाब पीना पड़ता था। बहुत दिन गुजर चुके थे और हालात बद से बत्तर हो चुकी थी। और उनका वजन भी बहुत ही ज्यादा कम हो चूका था।

अब रिकी जी की बॉडी भी जवाब देने लगी थी, और उनको अब लग रहा था की में अब जिंदा नहीं बचूंगा, लेकिन अंदर से एक और आवाज उनको यह कह रही थी की “रिकी तू कही ना कही इस रेगिस्तान से जिंदा बाहर निकल सकता है” और खुद को जिंदा रखने के लिए उन्होंने साप, कीड़े और मकोड़े और पता नही क्या क्या खाना पड़ता था।

रिकी जी के अंदर वो उम्मीद थी और हौसला था, जिसके वजह से वो हर रोज वे नींद से उठने के बाद सोचते थे कि “आज एक और दिन में जिंदा रहते हुए यहां से बाहर निकल जाऊंगा।” और ऐसी उम्मीद पर वे रेगिस्तान से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढते हुए वे एक दिन बिरंदू कैटल स्टेशन तक आ गए।

मार्क क्लिफर्ट उस स्टेशन के मैनेजर थे, और जब रिकी ने जब उनको आज तारीख कौन सी है? यह पूछा तो रिकी जी को बहुत ही बड़ा झटका लगा, क्योंकि रिकी जी को यह पता चला कि उन्होंने 2 महीने और 12 दिन एक वीरान रेगिस्तान में एकेले गुजारे थे।

इन 72 दिन्हो में रिकी जी ने बहुत कुछ टोल रेट किया हुआ था, जिसके वजह उनकी बॉडी बहुत ही ज्यादा कमजोर हो गई थी। अपने रोड ट्रिप पर निकलने से पहले उनका वजन 106kg था और 72 दिनो के बाद उनका वजन सिफ 48kg बच्चा हुआ था। यानी की वे पूरी तरह से एक कंकाल बन चुके थे।

उन्हे देखकर उस स्टेशन के मैनेजर को भी शोक लगा था, दोस्तो उस रेगिस्तान से निकलने के बाद और खुद को फिर से रिकवर करने के बाद रिकी जी ने खुद के लाइफ पर एक किताब लिखी, जिसका नाम “Left For Dead” है, और यह सच्ची कहानी भी मैने आपको इसी किताब से लेकर बताई हुई है।

Conclusion Of Ricky Megee Story in Hindi

दोस्तो इस कहानी से हमे क्या कुछ सीखने को मिलता है, रिकी जी के पास रोड ट्रिप पर निकलते हुए सब कुछ था, लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ की उनके पास कुछ भी नही था, फिर भी उन्होंने रेगिस्तान में 72 दिन गुजारे।

उनके पास खाने के लिए खाना नही था, और पीने के लिए पानी नहीं था, और खुद को कवर करने के लिए भी कुछ भी नहीं था। लेकिन उनके पास दो सबसे बड़ी चीजें थी, और वो है।

  1. Will Power
  2. जीने की इच्छा

दोस्तो अगर आपके साथ लाइफ में कभी कुछ बुरा होगा ना तो इस कहानी को जरूर याद करना। तब आपको रियलाइज होगा की आपकी सिच्वेशन रिकी जी की सिच्वेशन से कितनी ज्यादा Better है और कितना ही बुरा हो सकता है।

दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी? नीचे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके हमे जरूर बताएं। और उसके साथ ही अगर आपको यह कहानी पसंद आई होंगी तो अपने दोस्तो के साथ अवश्य शेयर कीजिए। ताकि अन्य लोगो को भी Ricky Megee Survival Story in Hindi में पढ़ने को मिल सकें।

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